" योग विद्या मानव जीवन के ऊधर्वगामी विकास और जीवन के परम लक्ष्य-मोक्ष की प्राप्ति अत्यन्त सहजता से कराने वाली विद्या है | यह विद्या पूर्णतः वैज्ञानिक, स्वाभाविक, प्राकृतिक और असीमित आनंददायी हैं | योग विद्या अपने विश्व परिवार को सदैव सुख, समृध्दि, शांति प्रदान कर विश्व की सामूहिक चेतना को सतोगुणी और एकीकृत बनाये रखेगी | " -महर्षि महेश योगी