महा सरस्वती ज्ञानमयी विज्ञानमयी हैं, पूर्ण ज्ञान का स्त्रोत हैं। सरस्वती देवी वाक्देवी एवं सकल कलाधिष्ठात्री के रूप में भी मान्य हैं अर्थात् वे वाक्षक्ति एवं कला की देवी हैं। सरस्वती अपने भक्तों को बाणी सिध्दि, पूर्ण ज्ञान तथा कला के विभिन्न क्षेत्रों में महारथ प्रदान करती हैं। श्री सरस्वती सहस्रनाम सरस्वती देवी के १००० गुण हैं। सरस्वती का प्रत्येक नाम अत्यन्त महिमाकारी है और चेतना का एक-एक गुण है। सरस्वती के सहस्रनामों का पाठ या श्रवण करने वाले की चेतना में और वातावरण में सरस्वती देवी के समस्त गुणों का जागरण होता है। श्री सरस्वती अष्टोत्तर शतनामावली में सरस्वती माता के १०८ नाम हैं। इन नामों का उच्चारण करते हुए सरस्वती देवी को ष्वेत कमल अर्पित किये जाते हैं। श्री सरस्वती अष्टकम् एक सिध्द स्त्रोत है जो श्री सरस्वती जी को प्रसन्न करने वाला है। फलश्रुति के अनुसार सरस्वती सहस्रनाम और स्तोत्रों के पाठ या श्रवण से उपासकों को पूर्ण ज्ञानघन, कला के सभी क्षेत्रों में मूर्धन्यता और अनन्त क्रिया शक्ति की प्राप्ति होती है। शुक्रवार महासरस्वती का दिन माना गया है अतः सरस्वती जी के सहस्रनाम और स्तोत्र शुक्रवार के दिन सुनने की अनुशंसा की जाती है।
श्री सरस्वती -ज्ञानमयी विज्ञानमयी
श्री सरस्वती सहस्रनाम स्तोत्रम ----- ४५ :५९
श्री सरस्वती अष्टोत्तर शतनामावली ----- ०८ :१७
श्री सरस्वती अष्टक स्तोत्रम -----०६ :४९
Recitation by: अथर्व वेद विद्वान पंडित रमेश वर्धन और पंडित रामकृष्ण भट्ट
Maha Saraswati is known as Gyanmayi-Vigyanmayi, the source of total knowledge. Saraswati Ji is also known as Vak-Devi and Sakala Kaladhishthatri who possesses the power of speech and arts. Devi Saraswati bestows upon her devotees perfection of speech, total wisdom and expertise in different branches of arts.
Shri Saraswati Sahasranam-1000 names describe 1000 qualities of Saraswati. Each name of Saraswati Devi refers to a quality of consciousness. Listening Sahasranam enlivens these qualities of Saraswati in the consciousness of the listener and at the same time, these qualities are charged in the environment.
Shri Saraswati Ashtottarshatnamavali has 108 names of Saraswati. These names are few of the most important qualities. Devotees chant these names while offering white Lotus flowers. Shri Saraswati Ashtakam is one of the Sidha stotra of Saraswati.
As described in phalshruti-benefits of chanting Shri Saraswati Sahasranam and Stotras, devotees receive total wholistic wealth of wisdom, mastery over different branches of arts and infinite organising power. Friday is the day of Shri Saraswati. It is recommended to listen Sahasranam and other stotras of Saraswati on Friday.