वेद संपूर्ण विश्व के आदि ग्रन्थ हैं, पूर्ण ज्ञान के भण्डार हैं, शुद्ध ज्ञान हैं, प्रकृति के संविधान हैं,
भारत की विश्व को अनुपम देन हैं। भारत वेद भूमि है, देव भूमि है, ज्ञान भूमि, पुण्य भूमि है। यहां के
ऋषि मुनियों और मनीषियों ने प्रकृति के नियमों तथा अखिल विश्व ब्रह्माण्ड को संचालित करने वाली
महान सत्ता का अनुभव किया, आत्मसात किया और फिर जनमानस के लिये इसे लिपिबद्ध किया I
हमें पूर्ण आशा है कि महर्षि वेद विज्ञान की शिक्षा के माध्यम से यह पुस्तक विद्यार्थियों एवं समस्त नागरिकों के
मानसिक स्तर तथा मानवीय मूल्यों को जाग्रत कर उन्हें विश्व का श्रेष्ठ नागरिक बनाने में सहायक
होगी। यह पुस्तक न केवल विद्यार्थियों वरन प्रत्येक पाठक के जीवन को पूर्ण बनाने में सहायक होगी।