देवी दुर्गा शक्तिरूपा के रूप में सर्वमान्य हैं। वे सर्वव्यापी हैं, समस्त ब्रह्माण्ड के धर्म की स्त्रोत हैं और सत्य की प्रकाशक हैं। 700 मंत्रों वाली दुर्गा सप्तशती सर्वाधिक पढ़ी और सुनी जाने वाली है। भक्तों में परम विश्वासपूर्वक प्रतिष्ठित है कि दुर्गा सप्तशती मनोवांछित फलदायी है। पारम्परिक मान्यताओं के अनुसार दुर्गा सप्तशती ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को समाप्त करने वाली है, जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्रदान करती है, ज्ञान, शांति, आनन्द, सौभाग्य, दीर्घायु और यशदायी है। दुर्गा सप्तशती सभी प्रकार की नकारात्मकता, दुर्भाग्य, भय, दुःख, रोग, आपदा, बाधा, समस्या, तनाव और पाप के दुष्प्रभावों से बचाने वाली और उनका शमन करने वाली है। यह प्रकृति का सहयोग एवं प्रसन्नता प्रदायक है। यह धन-धान्य से परिपूर्ण करने वाली, अधिकार वृध्दि कराने वाली, शक्तिदायी है और धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष कारणी है। श्री दुर्गा सप्तशती के इस पारम्परिक पाठ को सुनकर इसके अनन्त लाभ उठाने की संस्तुति की जाती है।
दुर्गा सप्तशती
भाग-१ श्री दुर्गा कवचं ---१४ :१४ , अर्गला स्तोत्रम ---०६ :०५ , कीलकम ---०४ :११
वैदिक रात्रिसूक्तम् ---०२ :४२, सप्तशती यासः ---०४ :२५ , प्रथम चरित्रं , अध्याय -०१ ---२१ :४६
माध्यम चरित्रं , अध्याय -०२ ---१८ :२९
भाग -२ ---अध्याय -०३ ---१० :४४ , अध्याय -०४ ---१२ :४०
उत्तम चरित्रं , अध्याय -०५ ---२० :३७ , अध्याय -०६ ---०५ :३४ , अध्याय -०७ ---०६ :४० , अध्याय -०८ ---१५ :११
भाग-३ ---अध्याय -०९ ---०९ : ५९ , अध्याय -१० ---०७ :१२
अध्याय -११ ---१३ :३३ , अध्याय -१२ ---०९ :३२ , अध्याय -१३ ---०५ :३८
उत्तर न्यासः ---०२ :५० , वैदिक देवीसूक्तम् ---०३ :४८ , प्रधानिक रहस्यम ---०७ :३८
वैकृतिक रहस्यम ---०९ :२३ , मूर्ति रहस्यम - --०५ :२६
गायक : अथर्व वेद विद्वान पंडित रमेश वर्धन और पंडित रामचन्द्र जोशी
Devi Durga is known as Goddess of Power. Her presence is all pervading. She is the source of all creation, righteousness and She is the revealer of truth. Shri Durga Saptashati (seven hundred Verses of Devi Durga) is the most popular text read and chanted by devotees of Shri Durga. It is a well-established belief and faith of devotees that reading, chanting and listening of Durga Saptashati fulfills all their wishful desires.
As per the traditions prevelent, it is established that Durga Saptashati pacifies negative influence of Planets; it is definite source of success in all areas of life; it is infinite source of attainment of knowledge, peace, happiness, auspiciousness, good fortune, fame, and long life; prevents and eliminates all kinds of negativities, misfortunes, fears, sufferings, diseases, calamities, hurdles, obstacles, sorrows, ill-effects of the sins and distresses; brings support of nature, comfort, and happiness; liberates from bondages, helps to acquire wealth, authority and power.
It is recommended to listen to this Vedic traditional chanting of Durga Saptashati and enjoy its innumerable benefits.
Durga Saptashati
Volume-1 Shri Durga Kavacham---14:14, Argala Stotram---06:05, Keelakam---04:11
Vedic Ratrisuktam---02:42, Saptashati Nyasah---04:25, Pratham Charitram, Adhyay-01---21:46
Madhyam Charitram, Adhyay-02---18:29
Volume-2---Adhyay-03---10:44, Adhyay-04---12:40
Uttam Charitram, Adhyay-05---20:37, Adhyay-06---05:34, Adhyay-07---06:40, Adhyay-08---15:11
Volume-3---Adhyay-09---09:59, Adhyay-10---07:12
Adhyay-11---13:33, Adhyay-12---09:32, Adhyay-13---05:38
Uttar Nyasah---02:50, Vedic Devisuktam---03:48, PRadhanik Rahasyam---07:38
Vaikritik Rahasyam---09:23, Murti Rahasyam---05:26
Recitation by: Atharv Ved Vidwa Pt. Ramesh Vardhan and Pt. Ramchandra Joshi