परम पूज्य महर्षि महेश योगी जी द्वारा प्रणीत भावातीत ध्यान कार्यक्रम का संक्षिप्त परिचय यहाँ दिया जा रहा है |
महर्षि महेश योगी जी ने ५८ वर्ष पूर्व प्राचीन वैदिक परम्परा - प्रकृति के विधान की पूर्ण एवं कालातीत ज्ञान की परम्परा से सम्पूर्ण विश्व को भावातीत ध्यान का उपहार प्रदान किया | उन्होंने चेतना के पूर्ण विज्ञान को मानव जीवन एवं समाज के पूर्ण विकास के लिए प्रत्यक्ष अनुभव एवं वैज्ञानिक समझ के व्यावहारिक स्तर पर इसे पुर्नजीवित किया | ३२ देशों में २३५ से अधिक विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थानों में किये गये ७०० से अधिक वैज्ञानिक शोध अध्ययन मन, शरीर , व्यवहार एवं समाज के लिए भावातीत ध्यान के लाभों का विवरण प्रदान करते हैं और प्रमाणित करते हैं कि यह एक मात्र ऐसी सर्वाधिक प्रभावी तकनीक हैं जो गहन विश्राम प्रदान करती हैं,तनाव को समाप्त करती हैं, सृजनात्मकता एवं बुद्धिमत्ता में वृद्धि करती हैं, स्वास्थ्य वर्धन करती हैं , आंतरिक प्रसन्नता एवं पूर्णता प्राप्त करती हैं एवं इस प्रकार यह राष्ट्र के लिए अजेयता एवं विश्व को शांतिमय बनाने के लिए प्रत्यक्ष योगदान करती हैं|